नित्यज्योति (अमरजवानज्योति) अज्ञात सिपाहियों की याद को सम्मानित करने के लिए तोरण पथ के नीचे प्रज्वलित है।
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दरगाह के अंदरूनी दरबार के कोने में जाली के काम वाला नीचा तोरण पथ एवं नाजुक नक्काशी वाली सफेद संगमरमर की एक भव्य इमारत है।
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शरीफ़? *******८ भद्र तोरण पथ मेहराब लाखा आहिस्ता से संभालनाअना दयामय कृपा करते हुए विनीत कृपा करते हुए विनीत श्ह्रद्धापूर्ण तोरण पथ चापाकार में उठाना बुरी सुशील सुदंर चापाकार में उठाना चापाकार में फैलना सिखाने योग्य चापाकार में फैलना मजेध्दार सहदय चाप जैसा बनाना बारीक़ पाठनीय मुश्किल कठिन अच्छा
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शरीफ़? *******८ भद्र तोरण पथ मेहराब लाखा आहिस्ता से संभालनाअना दयामय कृपा करते हुए विनीत कृपा करते हुए विनीत श्ह्रद्धापूर्ण तोरण पथ चापाकार में उठाना बुरी सुशील सुदंर चापाकार में उठाना चापाकार में फैलना सिखाने योग्य चापाकार में फैलना मजेध्दार सहदय चाप जैसा बनाना बारीक़ पाठनीय मुश्किल कठिन अच्छा
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बो सजीवता चमक आना चिंगारी तोरण पथ मेहराब बरखास्त करना स्फुर्लिंग गोली दागना शुरू कर देना अदा करना नमन वक्र होना सौंदर्य धनुष वक्राकार गेंद स्फुलिंग तोरण पथ चापाकार में उठाना छुट्टी देना बुरी पर गज फेरना सर झुकाना पर गज फेरना चापाकार में उठाना सिर झुकाना मुड़ जाना घुमाना स्राव रिहा करना वक्र चिनगारी
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बो सजीवता चमक आना चिंगारी तोरण पथ मेहराब बरखास्त करना स्फुर्लिंग गोली दागना शुरू कर देना अदा करना नमन वक्र होना सौंदर्य धनुष वक्राकार गेंद स्फुलिंग तोरण पथ चापाकार में उठाना छुट्टी देना बुरी पर गज फेरना सर झुकाना पर गज फेरना चापाकार में उठाना सिर झुकाना मुड़ जाना घुमाना स्राव रिहा करना वक्र चिनगारी
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आधुनिक अर्थ में पहली दुकान केवल एक वस्तु से साबका रखती थी और उत्पादक से जुडी होती थीं (बेकरी, दरजी, मोची) उन्नीसवीं सदी में, फ्रांस में, तोरण पथ (arcade) का ईजाद किया गया, जहाँ पर एक गली में की छज्जे की हुयीं कई प्रकार की दुकानें होती थींभिन्न-भिन्न वस्तुओं से सम्बन्ध रखने वाले गणक यंत्र का इजाद किया गया, इन्हे बिभागीय भंडार कहा गया (department store).
8.
स्वर्ग या तोरण पथ से बेहतरमैं तुम्हें प्यार करता हूं, ओ मेरे भारतऔर मैं उन सभी को प्यार करुंगामेरे सभी भाई जो राष्ट्र में रहते हैंईश्वर ने पृथ्वी बनाई;मनुष्य ने देशों की सीमाएं बनाईऔर तरह तरह की सुंदर सीमा रेखाएं खींचींपरन्तु अप्राप्त सीमाहीन प्रेममैं अपने भारत देश के लिए रखता हूंइसे दुनिया में फैलाना हैधर्मों की माँ, कमल, पवित्र सुंदरता और मनीषीउनके विशाल द्वार खुले हैंवे सभी आयु के ईश्वर के सच्चे पुत्रों का स्वागत करते हैंजहां गंगा, काष्ठ, हिमालय की गुफाएं औरमनुष्यों के सपने में रहने वाले भगवानमैं खोखला हूं;